|| कलियुग का उद्धार - श्री कल्कि अवतार || 

|| कलियुग का उद्धार - श्री कल्कि अवतार || 

प्रस्तावित प्रकल्प

‘प्रकल्प’ एक नियोजित कार्यों का समूह होता है, जिसे किसी निश्चित उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए संसाधनों की सीमा में रहकर किया जाता है। यह विशेष, सीमित और उद्देश्य-प्रधान होता है।

श्रीकल्कि धाम के प्रस्तावित सेवा प्रकल्पों का मुख्य उद्देश्य सनातन-रक्षा और राष्ट्र-रक्षा के साथ, मानवता की सेवा, शिक्षा और ज्ञान का प्रसार, सामाजिक समरसता, स्वास्थ्य सेवा, पर्यावरण संरक्षण, आध्यात्मिक उन्नति, संस्कृति और परंपराओं का संरक्षण निर्धारित किया जाना है।

श्री कल्केश्वर महादेव

श्रीकल्किधाम में देवों के देव महादेव के अतिपावन श्रीकलिकेश्वर लिंग की स्थापना होगी। पांच फुट ऊंचे इस पावन लिंग के चारों ओर वृत्ताकार मोक्षप्रदायक बारह ज्योतिर्लिंग प्रतीक रूप में प्रतिष्ठित रहेंगे। पुराणों में स्पष्ट रूप से वर्णित है कि जहां श्रीकल्कि का अवतार होगा उस सम्भल की बारह कोस की परिधि के मध्य भाग में महादेव लिंगरूप में स्थापित होंगे। इसी अवधारणा को मूर्त रूप देते हुए श्रीकलिकेश्वर महादेव की स्थापना होगी।

ज्ञान-बोधनी : सर्वधर्म पुस्तकालय

श्रीकल्किधाम में स्थापित इस पुस्तकालय में सनातन भारतीय संस्कृति-सभ्यता का प्राचीन- अर्वाचीन और आधुनिक इतिहास उपलब्ध रहेगा। इसी के साथ विश्व की अन्य संस्कृतियों को जानने-समझने वाला साहित्य भी सुलभ रहेगा। पुस्तकालय में सभी धर्मों से जुड़ा समृद्ध साहित्य संग्रहित किया जाएगा। पुस्तकालय में अति प्राचीन हस्तलिखित पांडुलिपियों के संग्रह की भी योजना है।

कृधा: सनातन सभागार

श्रीकल्किधाम परिसर में एक आधुनिक विशाल सभागार का निर्माण किया जाएगा, जिसमें एक समय में पाँच हजार श्रद्धालु एक साथ बैठ कर गुरु और संतों के श्रीवचनों का रसास्वादन कर सकेंगे। सभागार की दीवारों पर भगवान् श्रीकल्कि से जुड़े सन्दर्भचित्र अंकित रहेंगे। सभागार के मंच पर घोड़े पर सवार भगवान् श्रीकल्कि की विशाल दर्शनीय प्रतिमा भी स्थापित की जायेगी।

श्रीकल्कि विद्यापीठम्

श्रीकल्किधाम परिसर के एक बड़े भाग में प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्चतम शिक्षा तक की व्यवस्था रहेगी। प्राथमिक पाठशाला से लेकर विश्व विद्यालय तक की स्थापना धाम का प्रथम लक्ष्य है। विद्यापीठ में आधुनिक शिक्षा के साथ संस्कृत एवं वेद पाठ/ वेदाध्ययन की सम्पूर्ण व्यवस्था होगी। प्राच्य एवं आधुनिक ज्ञान का यह अनूठा केंद्र राष्ट्र का गौरव बढ़ाएगा।

पदम् सरोवर

श्रीकल्कि धाम परिसर में दिव्य पदम् सरोवर एक सुरम्य स्थल होगा। सरोवर रंग-बिरंगे फूलों वाले वृक्षों से घिरा होगा। जिसके शांत जल में खिलते मनमोहक कमल और इसके तटों पर लगे वृक्षों में बसेरा बनाए पक्षियों की चहचहाहट धाम की सुंदरता को द्विगुणित करेगी। विशाल सरोवर के तटों के बेंच ध्यान और शांति के केंद्र का कार्य करेंगे, जहां मन स्थिर होगा और ध्यान लगेगा।

रमा वाटिका

श्रीकल्कि धाम में ‘रमा वाटिका’ एक रमणीय उद्यान के रूप में विकसित की जाएगी, जिसमें औषधीय वृक्ष, पौधे और सुगंधित फूलों का अद्भुत संगम होगा। यहाँ नीम, तुलसी, अश्वगंधा, दालचीनी, आंवला, एलोवेरा जैसे तमाम औषधीय वृक्ष/पौधे होंगे। वाटिका का वातावरण शांत और आध्यात्मिक होगा। वास्तव में यह वाटिका अपने आप में एक प्राकृतिक स्वर्ग होगी।

श्रीकल्कि विश्वविद्यालय

श्रीकल्कि विश्वविद्यालय एक अत्याधुनिक और आध्यात्मिक शिक्षा का अद्भुत केंद्र होगा, जो विज्ञान, कला और मानविकी के आधुनिक समृद्ध पाठ्यक्रम प्रदान करेगा। विश्वविद्यालय में प्राचीन ज्ञान और आधुनिक शिक्षा का संगम होगा। यहां ध्यान, योग और जीवन कौशल पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जिससे छात्रों का समग्र शैक्षिक और मानसिक विकास हो सके।

श्रीकल्कि शोध संस्थान

‘श्रीकल्कि शोध संस्थान’ एक प्रमुख अनुसंधान केंद्र होगा जो विज्ञान, प्रौद्योगिकी और मानविकी के विभिन्न क्षेत्रों में नवोन्मेष को बढ़ावा देगा। यह संस्थान उच्च गुणवत्ता की शिक्षा, अनुसंधान कार्यक्रम और उद्योग सहयोग को प्राथमिकता देगा। संस्थान का उद्देश्य समाज के विकास में योगदान देते हुए, नए विचारों को साकार करना है, जिससे भविष्य की चुनौतियों का सामना किया जा सके।

आरोग्यम् : चिकित्सालय

श्रीकल्किधाम परिसर में एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भी बनाया जाएगा, जिसका अधिकतम लाभ क्षेत्र की जनता को विशेष रूप से मिलेगा। इस चिकित्सालय के बनने पर किसी को चिकित्सा सुविधा का अभाव महसूस नहीं होगा। चिकित्सालय में ऐलोपैथिक चिकित्सा के साथ आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक चिकित्सा सुविधा की व्यवस्था भी सदैव सुलभ रहेगी।

कामधेनु : आदर्श गौशाला

श्रीकल्किधाम में समस्त अत्याधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण एक गौशाला का निर्माण भी किया जाएगा, जिसमें गायों को पूरी सुविधाओं के बीच सम्मान के साथ रखा जायेगा। गौशाला में विभिन्न यंत्रों का उपयोग गायों को स्वस्थ रखने के लिए किया जाएगा। गौशाला के समीप ही एक पशुचिकित्सालय भी बनाया जायेगा, ताकि गायों को तत्काल चिकित्सा सुविधा मिल सके।

तपोभूमि : यज्ञ-मण्डपम

श्रीकल्किधाम में नियमित रूप से यज्ञ-हवन होंगे, जिसके लिए एक विशाल स्थायी यज्ञ-मंडप का निर्माण किया जाएगा। यज्ञवेदी विशालकार होगी, जिससे बड़ी संख्या में यज्ञकर्ता एक साथ बैठकर अनुष्ठान में भाग ले सकें। यह यज्ञशाला वैदिक विधान के अनुसार अष्टकोणीय होगी।यज्ञशाला की पवित्रता को अक्षुण्ण बनाए रखने पर विशेष जोर दिया जाएगा।
श्री कल्कि धाम के भव्य निर्माण का शुभारंभ,

प्रसादम् : भोजनालय

श्रीकल्किधाम में एक विशाल भोजनालय भी बनाया जाएगा, जिसमें पाँच हजार लोगों के एक साथ बैठकर भोजन करने की व्यवस्था रहेगी।भण्डारा व्यवस्था पूर्णतः निःशुल्क और सेवा भाव के आधार पर रहेगा।

योग ध्यानम् : साधना मंडप

श्रीकल्कि धाम परिसर में घने वृक्षों के बीच प्रस्तावित निर्मल जल से युक्त विशाल ‘सनातन सरोवर’ के निकट शान्त वातावरण में एक साधना मंडप का निर्माण किया जाएगा। जिसमें साधक योग्य योग शिक्षकों के मार्गदर्शन में योग और ध्यान का अभ्यास कर अपनी आंतरिक ऊर्जा को विकसित करने का अभ्यास कर सकेंगे।

सनातन मण्डपम् : प्रदर्शनी कक्ष

श्रीकल्कि धाम परिसर में एक कलात्मक प्रदर्शनी कक्ष ‘सनातन मण्डपम्’ का निर्माण भी किया जाएगा। इस कलात्मक मंडप में सनातन जगत के अनमोल ‘सप्त रत्नों’ यथा – भगवान बुद्ध, भगवान महावीर, गुरु गोविन्दसिंह, महर्षि बाल्मिकी, भक्तमति मीराबाई, सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र और महर्षि दधीचि की प्रतिमाएं स्थापित की जाएंगी। साथ ही ‘सत्य सनातन-सप्त सनातन’ थीम के अंतर्गत ‘सनातन में सात का महत्व’ विषय पर रोचक तथ्यों से युक्त प्रदर्शनी भी स्थाई रूप से लगाई जाएगी।