|| कलियुग का उद्धार - श्री कल्कि अवतार || 

|| कलियुग का उद्धार - श्री कल्कि अवतार || 

श्रीकल्कि धाम का शिलान्यास सौभाग्य की बात : मोदी

स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारत के धार्मिक इतिहास में अनेक चर्चित और ऐतिहासिक घटनाएं घटित हुई हैं। इनमें से एक भगवान् श्रीहरि विष्णु के अंतिम निष्कलंक अवतार श्रीकल्कि भगवान् की अवतरण स्थली सम्भल तीर्थ के चर्चित गांव ऐचौड़ा कम्बोह में श्रीकल्कि धाम के शिलान्यास की घटना का विशेष महत्व है। श्रीकल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम के करीब दो दशक के लंबे संघर्ष के बाद देश के स्वनामधन्य यशस्वी प्रधानमंत्री श्रीयुत नरेन्द्र दामोदर भाई मोदी के कर कमलों से श्रीकल्कि धाम का शिलान्यास तब राष्ट्रीय गर्व का विषय बन गया, जब प्रधानमंत्री मोदी जी ने कहा – “अयोध्या जी में श्री रामलला के मंदिर का लोकार्पण करने के बाद, श्रीकल्कि धाम का शिलान्यास करने का सौभाग्य मुझे मिल रहा है।”
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा- ‘हमने पांच सौ वर्षों का इन्तजार खत्म होते हुए देखा है। रामलला के विराजने का पल अलौकिक अनुभूति कराने वाला था। अब संभल में कल्किधाम के शिलान्यास का सौभाग्य भी मुझे मिला।
श्री मोदी ने कहा कि एक बार फिर सांस्कृतिक गौरव का पल हमारे सामने है। यह हमारी पीढ़ी का सौभाग्य है। हमने विश्वनाथ धाम के वैभव को निखरते देखा, तो इसी दौर में महाकाल का महालोक भी देखा है। एक नया दौर हमारे दर पर दस्तक दे रहा है और हमें इसका दिल खोलकर स्वागत करना चाहिए। यही समय है, सही समय है। कल्कि, काल चक्र में परिवर्तन कर्ता और प्रेरणा स्रोत भी हैं। प्रधानमंत्री ने श्रीकल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम् की प्रशंसा करते हुए कहा कि जब आचार्य कृष्णम् की 18 बरसों की तपस्या पूरी होने जा रही है, तो इनकी माता जी का सपना भी पूरा हो रहा है।
इस अवसर पर उत्तर देश के यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने अल्प संबोधन में कहा- ‘उधर अयोध्या में पांच सदियों का इंतजार खत्म हुआ और इधर सम्भल में श्रीकल्किधाम का शिलान्यास होना एक बड़ी धार्मिक घटना है। असंख्य लोगों का सपना साकार होने जा रहा है, यह गर्व और गौरव का विषय है।’ श्रीकल्कि पीठाधीश्वर आचार्य कृष्णम ने कहा कि जैसे शबरी को भरोसा था कि राम आएंगे, विदुर को विश्वास था कि श्रीकृष्ण आएंगे, उसी तरह मुझे भी विश्वास था कि प्रधानमंत्री श्रीकल्कि धाम का शिलान्यास करने जरूर आएंगे। उन्होंने कहा कि वह सपना जो अट्ठारह वर्ष पहले हमने एक संकल्प के रूप में देखा था, वह पूरा हुआ। यह अद्‌भुत संयोग है कि रामलला के सभी काम प्रधानमंत्री जी के हाथों से हुए और आज कलियुग के अंतिम अवतार भगवान् कल्कि के धाम का शिलान्यास भी उन्हीं के कर कमलों से हो रहा है। शिलान्यास का कार्य उज्जैन के विद्वानों ने वेद मंत्रोच्चार के साथ कराया। गर्भगृह में प्रधानमंत्री मोदी जी, मुख्यमंत्री योगी जी और आचार्य कृष्णम् ने प्रवेश किया। बीच में प्रधानमंत्री बैठे, उनके दायें मुख्यमंत्री और बायें आचार्य कृष्णम विराजे। गर्भगृह के पास बैठी कन्या गुरुकुल चोटीपुरा की 108 ब्रह्मचारिणियों ने वेदों की ऋचाओं का गायन किया। शिलापूजन से शिलान्यास तक वेद मंत्र गूंजते रहे।.. और भारी संख्या में इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बने हजारों नर-नारियों ने जय श्रीकल्कि के उद्घोष से आकाश गुंजा दिया।